नगर में बिछाई जा रही सीवर लाईन में किया जा रहा है घटिया पाइपों व निर्माण सामग्री का इस्तेमाल ?

करीब साढे 500 करोड़ की है नगर में बिछाई जा रही सीवर लाईन की योजना
मोदीनगर (योगेश गौड़)। सरकारी योजनाओं व कार्यों में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। निर्माण कार्यों में कंपनियों और ठेकेदारों द्वारा घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की शिकायतें आए दिन जागरूक नागरिकों द्वारा अधिकारियों से किया जाना सामान्य सी बात है। सरकारी एजेंसियों द्वारा निर्माण कार्य एवं परियोजनाओं में घटिया सामग्री के इस्तेमाल किए जाने का एक उदाहरण यहां नगर में बिछाई जा रही सीवर लाईन में इस्तेमाल किए जा रहे सीमेंट के पाइपों में देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे घटिया एवं कमजोर पाइपो के फोटो इन दिनों नगर में लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।
गौरतलब है कि इन दिनों नगर पालिका क्षेत्र में करीब साढे 500 करोड़ की सीवर योजना के तहत सीवर डालने का काम जोरों पर है, जिसके चलते नगर की प्रत्येक कॉलोनी के ज्यादातर मोहल्लों की मुख्य सड़कों एवं गलियों में खुदाई कार्य कर सीवर लाइन डाली जा रही है, जिसके चलते नगरवासियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों को हो रही परेशानियों का कारण सीवर बिछाने का कार्य कर रहे ठेकेदारों की अनदेखी व लापरवाही मुख्य है  क्योंकि ठेकेदारों द्वारा सड़के व गलियां सीवर बिछाने के लिए तो खोदी जा रही हैं, किंतु सीवर लाईन डालने के बाद जिन स्थानों पर खुदाई का कार्य किया जाता है, उन स्थानों को कार्य समाप्त होने के बाद पूर्ण रूप से मिट्टी आदि से न भरने के कारण लोगों को पैदल व वाहनों से गुजरने में बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ठेकेदारों द्वारा सीवल डालने के बाद उक्त स्थानों को मिट्टी से ठीक प्रकार से न भरे जाने के कारण उक्त स्थान वाहनों के दबाव से धंस जाते हैं, जिससे किसी भी समय वाहन चालक के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस तथ्य पर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में हाईवे पर सीवर लाइन के गड्ढे में एक ट्रैक्टर के गिर जाने से हुई एक व्यक्ति की मौत सच्चाई की मोहर लगा रही है, इतना ही नहीं हाईवे व हाईवे से संबंधित मार्गों पर बनाए जा रहे बड़े-बड़े सीवर टैंक के निर्माण के चलते शहर में इन संबंधित मार्गों पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे वहां से गुजरने वाले आम नागरिकों व वाहन चालकों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं इन मार्गों पर सीवर टैंकों के चारों तरफ बैरिकेटिँग किए जाने से व्यापारियों का व्यापार भी काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में नगर वासियों द्वारा कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत कर इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाए जाने की मांग की जा चुकी है। इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते नगर में सीवर डालने का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, जिससे कार्य पूरा करने में अधिक समय लग रहा है। अधिकारियों की मानें तो जल्द ही हाईवे सहित संबंधित मार्गों पर सीवर टैंक व सीवर लाईन बिछाने केे कार्य को गति प्रदान कर इसे जल्द ही निपटा लिया जाएगा और नगरवासियों को इससे होने वाली असुविधा से राहत मिल सकेगी, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने नगरवासियों से अपील की है कि इस योजना के पूर्ण हो जाने के बाद नगर में जलभराव की स्थिति से राहत मिल सकेगी इसलिए नगरवासी थोड़ा धीरज रखें।
अब सवाल यहां यह है कि क्या सीवर लाइन बिछाने के बाद नगरवासियों को वास्तव में नगर में होने वाले जलभराव से राहत मिल पाएगी ? क्योंकि यदि हकीकत में ही सीवर लाइन में इस्तेमाल किए जा रहे पाइप घटिया क्वालिटी के है, तो क्या यह पाइप लंबे समय तक शहर भर के घरों से निकलने वाले गंदे पानी व बरसात मे बड़ी मात्रा में होने वाले जलभराव के दबाव को लंबे समय तक झेल पाएंगे।
 विभागों द्वारा सरकारी योजनाओं में इस्तेमाल किए जाने वाली निर्माण सामग्री में धांधली और भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी जल निगम द्वारा शहर में बिछाई गई पाइप लाइनों में घटिया पाइप इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाते हुए पूर्व सभासद लोकेश ढौड़ी ने जल निगम के अधिकारियों एवं तत्कालीन चेयरमैन को कटघरे में खड़ा कर दिया था। इतना ही नहीं लोकेश ढौडी ने इस संबंध में शिकायती पत्र देकर जिला व शासन स्तर पर जल निगम द्वारा बिछाई गई पाइप लाइनों की जांच कराने की मांग की थी। इस संबंध में पूर्व सभासद लोकेश ढौड़ी ने उच्च न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया था।