कार्यशाला में साधारण मिट्टी से भगवान श्री गणेश की प्रतिमा निर्मित करने का दिया प्रशिक्षण

मोदीनगर (अनवर ख़ान)। निवाड़ी रोड स्थित स्कूल अॉफ फाईन आर्टस एवं नृत्य कला केन्द्र में आयोजित पर्यावरण संरक्षण पर आधारित एक कार्यशाला के दौरान केंद्र निदेशिका कविता गोयल द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को भगवान श्री गणेश की मिट्टी की प्रतिमा निर्मित करनी सिखाई गई तथा मिट्टी की बनी हुई प्रतिमा के लाभ भी बताए गए।
       कार्यशाला में मौजूद प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए केंद्र की निदेशका कविता गोयल ने कहा कि बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। गणेश चतुर्थी पर भी हम प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा हानिकारक रंगों से बनी हुई मूर्तियां ख़रीदकर उन्हें अपने घर के मंदिरों में स्थापित करते हैं और पूजा अर्चना के बाद उनको नदियों आदि में विसर्जित करते हैं। इन मूर्तियों को नदियों में विसर्जित करने से इन पर लगा हुआ रासायनिक रंग नदियों में रहने वाले जलीय जंतुओं के लिए बेहद हानिकारक होता है। जिसके परिणाम जलीय जंतुओं की मौत के रूप में सामने आते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम पर्वों के दौरान भी पर्यावरण की रक्षा करने में अपना पूर्ण सहयोग दें। कार्यशाला में निदेशिका कविता गोयल ने प्रशिक्षार्थियों को प्रेरित करते हुए साधारण मिट्टी से भगवान श्री गणेश की मूर्ति बनानी सिखाई। कविता गोयल ने बताया कि साधारण मिट्टी की बनी हुई गणेश की प्रतिमा विसर्जित करने पर पानी में घुल जाती है जिससे न तो जलीय जंतुओं को कोई नुकसान होता है और ना ही पर्यावरण को। कार्यशाला के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों ने पर्यावरण को संरक्षित करने का प्रण लिया।
       कार्यशाला को सफल बनाने में प्रीति अग्रवाल, एकता अग्रवाल, पिंकी गुप्ता, निशा दलाल, पारूल चौधरी, पूजा पाठक आदि का सराहनीय योगदान रहा।