मोदीनगर (अनवर ख़ान)। किसान कल्याण समिति के बैनर तले तहसील मुख्यालय पहुंचे कई गांवों के ग्रामीणों ने एनएचएआई पर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान मनमानी बरते जाने का आरोप लगाते हुए एसडीएम को सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणो ने एसडीएम कक्ष के बाहर बैठकर जमकर नारेबाजी की।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार एक्सप्रेस वे से प्रभावित कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार को तहसील मुख्यालय पहुंचे और एसडीएम के कक्ष के बाहर बैठ गए तथा जमकर नारेबाजी करने लगे। एसडीएम देवेंद्र पाल सिंह ने किसी तरह ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया और ज्ञापन लेकर उनकी मांगों का हर संभावित निस्तारण कराए जाने का आश्वासन दिया। सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि दिल्ली मेरे हाईवे निर्माण के दौरान अधिग्रहित की गई जिलाधिकारी के यहां पड़ी हुई किसानों की मुआवजा संबंधित फाइलों का यथाशीघ्र निपटारा किया जाए तथा प्रभावित गांवों के किसानों को एक समान मुआवजा दिया जाए। एक्सप्रेस वे से प्रभावित किसानों की सेशन कोर्ट में डाली गई अपील का शीघ्र संज्ञान लेकर एनएचएआई का रिमांड कराया जाए। ग्राम जैनुद्दीन में प्रस्तावित गोल चक्कर को शीघ्र बनवाया जाए। डासना से ग्राम सैदपुर तक सर्विस रोड की सुविधा दी जाए। एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान विद्युत पोल आदि शिफ्ट होने के कारण बंद पड़ी ट्यूबवेलों के बिल माफ किए जाएं। एक्सप्रेस वे में निर्मित अंडरपासों की गहराई कम रखी जाए ताकि उनमें बरसात का पानी ना भरे। एक्सप्रेस वे से प्रभावित किसानों की त्रिस्तरीय वार्ता कराई जाए जिसमें जिलाधिकारी एनएचएआई के अधिकारी तथा किसान मौजूद रहे। ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी गई है कि यदि उनकी मांगों का निस्तारण 10 दिन के भीतर नहीं किया गया तो आगामी 8 अक्टूबर को प्रभावित गांवों के किसान एक्सप्रेस वे का कार्य बंद करा कर वहां पर धरने पर बैठने के लिए बाध्य होंगे।
ज्ञापन पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ बबलू गुर्जर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य दीपा त्यागी, टीकम शर्मा, चंद्र पाल, राकेश, सुरेश, रामे, महेंद्र सिंह, योगेश्वर, विजयपाल, राजवीर सिंह, विक्रम सिंह, वीरेंद्र शर्मा, अमन सिंह, रविंद्र शर्मा, महेश, सोमपाल, वीरपाल, सुभाष शर्मा, चरण सिंह, शिव शर्मा, धीरज, मनवीर सिंह त्यागी आदि के हस्ताक्षर मौजूद थे।
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से प्रभावित ग्राम वासियों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन