स्नातक एमएलसी चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर स्नातक अपना वोट ज़रूर बनवाएं - जेके गौड़

मोदीनगर (अनवर ख़ान)। किसी भी स्नातक एमएलसी द्वारा अभी तक शिक्षा के क्षेत्र में अपेक्षित कार्य नहीं किया गया है। जैसे कि क्षेत्र में आवश्यकता होने के बाद भी राजकीय स्कूलों के अलावा डिग्री कॉलेजों की स्थापना न होना। जबकि जनपद गाजियाबाद में ही शिक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए करीब दस डिग्री कॉलेजों की जरूरत है।


        उक्त विचार मेरठ सहारनपुर मंडल क्षेत्र से स्नातक एमएलसी प्रत्याशी जेके गौड़ द्वारा हाईवे पर स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान व्यक्त किए गए। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि गाजियाबाद से सटे इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा क्षेत्र में एक बहुत बड़ी आबादी निवास करती है किंतु वहां एक भी राजकीय इंटर कॉलेज तथा डिग्री कॉलेज न होने के चलते वहां के विद्यार्थियों को दिल्ली आदि का रुख करना पड़ता है। जेके गौड़ ने कहा कि वे पिछले कई दशकों से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, और कई शिक्षण संस्थानों के स्वामी होने के नाते वे शिक्षा का महत्व जानते हैं और समझते भी हैं। उन्होंने कहा कि यदि वे स्नातक एमएलसी के पद पर निर्वाचित होते हैं तो क्षेत्र में राजकीय इंटर कॉलेजों के अलावा डिग्री कॉलेजों की स्थापना कराए जाने के लिए वे अपना पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका लड़कियों के लिए अलग से कॉलेजों की स्थापना कराए जाने का भी प्रयास रहेगा। जेके गौड़ ने चुनाव में अधिक से अधिक वोटिंग करने के लिए अधिक से अधिक स्नातकों को अपनी वोट बनवाने का आह्वान किया। उन्होंने जानकारी दी की मोदीनगर में बस अड्डा स्थित राष्ट्रीय सूचना अधिकार टास्क फोर्स ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश शर्मा के कार्यालय पर वोट बनवाने से संबंधित फॉर्म उपलब्ध है। जहां से फॉर्म लेकर उसके साथ स्नातक डिग्री या अंक पत्र, आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड की छाया प्रति और एक फोटो संलग्न कर वहीं पर जमा करा दें। 
       इस मौके पर मौजूद वरिष्ठ समाजसेवी हरेंद्र शर्मा, ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष दीपक वत्स के अलावा सभासद संघर्ष समिति के तमाम सभासदों ने अपना पूर्ण समर्थन जेके गौड़ को देने का ऐलान किया। 
         इस अवसर पर तरुण गौड़, दीपक शर्मा, सुधीर वशिष्ठ के अलावा बबलू कौशिक, नितिन कुमार, वेद प्रकाश सिंह, सूबे सिंह, रजनीश तोमर, अजीत कुमार आदि सभासद मौजूद थे