राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवाहन पर सपाईयों ने खोला केंद्र व प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा, तहसील का घेराव कर सौंपा ज्ञापन

मोदीनगर (योगेश गौड़)। लोकसभा चुनावों में मिली हार की पीड़ा से उबरते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आवाहन करते हुए प्रदेश, जिला व तहसील स्तर पर केंद्र व प्रदेश सरकारों के ख़िलाफ़ आवाज बुलंद करते हुए कानून व्यवस्था तथा अन्य मसलों पर सरकार को घेरने के निर्देश जारी किये थे, जिसके फलस्वरूप मंगलवार को बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता एकत्र होकर तहसील मुख्यालय पहुंचे और तहसील का घेराव कर केंद्र व प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाजी करते हुए क्षेत्राधिकारी के पी मिश्रा को उत्तरप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
सपाईयों ने ज्ञापन में कहा है कि इन दिनों देश और प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है यही कारण है कि चारों ओर हत्या, लूट, बलात्कार, महिलाओं के उत्पीडन, बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े तथा धोखाधड़ी के मामलों की बाढ़ सी आई हुई है और सबकुछ जानते हुए भी शासन, पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इतना ही नहीं किसानों के गन्ना भुगतान, कर्जमाफ़ी, गन्ना मूल्य समर्थन योजना में बिचौलियों द्वारा किसानों के शोषण और किसानों द्वारा देश स्तर पर आए दिन की जा रही आत्महत्याओं के मामलों का ना तो केंद्र सरकार कोई संज्ञान लेने को तैयार है और न कि प्रदेश सरकार इसके लिए कोई सकारात्मक कदम उठा रही है। सपाइयों ने कहा कि मुफ़्त गैस देने के नाम पर आम जनता से धोका किया जा रहा है। इतना ही नहीं हाल ही में सरकार द्वारा चालान पर निर्धारित की गई मोटी रकम वसूली का एलान नादिरशाही हुक्म की तर्ज पर किया गया है जिससे आम आदमी   के शोषण किये जाने की साज़िश रची गई है। सपा कार्यकर्ताओं सवाल किया कि हाइवे चौड़ीकरण के नाम पर सड़क निर्माण के अंतर्गत सड़क के दोंनो तरफ लगी हुई टाईल उखाड़ी गई थी, उखाड़ी गई टाईलों का ठेकेदार ने क्या किया उसकी जांच कराई जाए तथा दोषी पाए जाने पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाए। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मोदीपोंन की विवादित भूमि का मुद्दा उठाते हुए कहा कि शासन की रोक के बावजूद इस भूमि पर निर्माण कार्य जारी हैं उन्हें तत्काल प्रभाव से रुकवाकर निर्माणकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। सपाईयों ने कहा कि उनकी मांगों पर जल्द से जल्द विचार कर कार्रवाई अमल में लाई जाए। सपाईयों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शासन प्रशासन नींद से नही जागता है तो समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूरन आम जनता के साथ सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन और आंदोलन के लिये बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन सोंपने वालों में पप्पन शर्मा, सुरेंद्र त्यागी, के एल जाटव, गजेंंद्र मलिक, राकेश त्यागी, कृष्ण रुहेला, सुरेंद्र शर्मा, लीलू भगत जी, मनोज शर्मा तथा योगेंद्र शर्मा आदि रहे।