बढ़ती जनसंख्या एक अत्यंत गंभीर मुद्दा - शेखर त्यागी

इस गंभीर मुद्दे का संज्ञान‌ लेकर कठोर कानून बनाए केंद्र सरकार


मोदीनगर (अनवर ख़ान)। सुरसा के मुंह की तरह निरंतर बढ़ती जा रही जनसंख्या के कारण आज देशवासियों के सामने अनेक समस्याएं मुंह उठाए खड़ी हैं। अशिक्षा, गरीबी, बीमारी व अपराध आदि समस्याओं के पीछे जनसंख्या विस्फोट ही मुख्य कारण है। साथ ही बढ़ती जनसंख्या बेरोजगारी और भुखमरी के हालात भी पैदा कर रही है।
       उक्त विचार निकटवर्ती गांव तलहैटा निवासी भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता और किसान पुत्र शेखर त्यागी ने एक भेंटवार्ता के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस समय जनसंख्या के लिहाज से भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। आंकड़ों पर गौर करें तो भारत की आबादी में अभी भी हर दिन पचास हजार की वृद्धि हो रही है। इतनी बड़ी जनसंख्या को भोजन मुहैया कराने के लिए यह आवश्यक है कि हमारा खाद्यान्न उत्पादन प्रतिवर्ष 54 लाख टन की दर से बढ़े, जबकि वह औसतन केवल 40 लाख टन प्रतिवर्ष की दर से ही बढ़ पाता है। एक अरब भारतीयों के पास धरती, खनिज, साधन आज भी वही हैं जो 50 साल पहले थे। परिणामस्वरूप लोगों के पास जमीन कम, आय कम और समस्याएं अधिक बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या इसी दर से बढ़ती रही तो वर्ष 2030 में जनसंख्या के मामले में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर होगा। उन्होंने कहा कि देश की जनसंख्या वृद्धि की इस बेलगाम दर का कारण सिर्फ जन्म दर में वृद्धि ही नहीं है बल्कि बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से घुसपैठ कर भारत में रह रहे करीब 5 करोड़ भी भारत की जनसंख्या को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इस देश के वासी समस्याओं से जूझते हुए गृहयुद्ध की राह पकड़ लेंगे। शेखर त्यागी ने कहा कि वे इस गंभीर मामले पर अभियान चलाते हुए प्रधानमंत्री के अलावा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नाम जनसंख्या नियंत्रण हेतु स्वरक्त से लिखा पत्र प्रेषित कर चुके हैं। साथ ही आगामी 11 अक्टूबर को जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन द्वारा निकाली जा रही तीन दिवसीय पदयात्रा में वे सैकड़ों युवाओं के साथ शामिल होंगे और भारत सरकार से जनसंख्या नियंत्रण पर कठोर कानून बनाए जाने की मांग करेंगे।